20 August, 2019

Earthing क्या है अर्थिंग कैसे करे

Earthing क्या है अर्थिंग कैसे करे

अगर आप इलेक्ट्रिकल से संबंधित पढ़ाई कर रहे हैं तो आप ने अर्थिग के बारे में जरूर सुना होगा तो अगर आपको नहीं पता कि अर्थिंग क्या है ( What Is Earthing In Hindi) और यह हमारे लिए क्यों जरूरी है. और किस किस उपकरण पर अर्थिंग करना बहुत जरूरी होता है. और अर्थिंग और न्यूट्रल वायर में क्या अंतर है. यह सब जानकारी हम इस पोस्ट में आपको देने वाले हैं.
Ghar Ki Wiring  करते समय आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है. स्विच बोर्ड में कनेक्शन करते समय आपको सभी तारों को ध्यान में रखना पड़ता है कि कौन सी तार में बिजली है और कौन सी वायर न्यूट्रल है या जिस में बिजली नहीं है. इस के अलावा हम एक और तार का भी कनेक्शन स्विच बोर्ड में करते हैं जिसे हम अर्थिंग या ग्राउंडिंग की तार कहते हैं. लेकिन यह हमारे लिए क्यों जरूरी है इसका पता सभी को नहीं होता. तो इसीलिए हम आपको Electrical Earthing In Hindi में बताने वाले हैं.

Definition Of Earthing In Hindi

किसी भी धातु वाली मशीन या उपकरण के धातु वाले हिस्से पर एक तार जोड़ कर उसे हम Earth Plate और Earth Electrode के साथ में जोड़ देते हैं इसे हम अर्थिंग या ग्राउंडिंग कहते हैं.पृथ्वी प्लेट या पृथ्वी इलेक्ट्रोड के लिए हम एक काफी मोटी तार का इस्तेमाल करते हैं जिसका प्रतिरोध बहुत कम होता है. और इसके लिए कम प्रतिरोध वाली तार का इस्तेमाल करने का भी कारण है. जो कि हम आपको आगे बताने वाले हैं.

Earthing System की जरूरत क्यों होती है

किसी भी उपकरण की अर्थिंग करने का सबसे पहला कारण होता है कि हम इलेक्ट्रिक शॉक से बच सकें. कई बार हमारा उपकरण खराब हो जाता है जिसके कारण उसके उपकरण के धातु वाले हिस्से में लीकेज करंट आ जाता है और जिसे छूने पर हमें करंट लग सकता है तो एसी करंट से बचने के लिए हम उस उपकरण की अर्थिंग कर देते हैं ताकि जो भी करंट है वह उस Earthing की मदद से सीधा धरती में चला जाए. और हमें बिजली का झटका ना लगे .
  • इसके अलावा हमें Earthing की क्यों जरूरत पड़ती है इसके कुछ पॉइंट नीचे बताए गए हैं.
  • अर्थिंग हमारे इलेक्ट्रिकल उपकरण को लीकेज करंट से बचाता है और हमें बिजली का झटका लगने से भी बचाता है.
  • यह बिल्डिंग को बारिश के समय गिरने वाली बिजली से भी बचाता है.

Electrical Earthing से संबंधित सवाल जवाब

Earth क्या है:
किसी भी बिजली से चलने वाले उपकरण को किसी तार के द्वारा धरती के अंदर दबी हुई अर्थिंग प्लेट से जोड़ना Earth कहलाता है
Solidly Earthed क्या है:
जब भी किसी बिजली के उपकरण को बिना किसी फ्यूज सर्किट ब्रेकर और प्रतिरोध के सीधा Earth Electrode से जोड़ा जाए उसे Solidly Earthed कहते हैं
Earth Electrode क्या है:
जब एक सुचालक या कुचालक की प्लेट को धरती के अंदर किसी बिजली के उपकरण की अर्थिंग के लिए दबाया जाता है तो इसे Earth Electrod कहते हैं.Earth Electrode कई प्रकार के होते हैं यह एक प्लेट के रूप में हो सकते हैं यह एक रोड के रूप में हो सकते हैं क्या किसी धातु की पानी वाली पाइप के रूप में हो सकते हैं जिस का प्रतिरोध कम से कम हो.
Earthing Lead क्या है :
Earth Electrode और उपकरण को आपस में जोड़ने के लिए Earthing Lead का इस्तेमाल किया जाता है.
Earth Continuity Conductor क्या है :
जो सुचालक तार हमारे घर के बिजली के सभी उपकरण को और स्विच बोर्ड को और पलक को आपस में जोड़ता है उसे हम Earth Continuity Conductor कहते हैं.
Earth Resistance क्या है:
अर्थ इलेक्ट्रोड और बिजली के उपकरण के बीच का कुल प्रतिरोध जिसे Ω (Ohms) में मापा जाए Earth Resistance कहलाता है.

Earthing कितने प्रकार की होती है

अर्थिंग कई प्रकार से की जाती है यह निर्भर करता है कि आप पर थी कहां पर और किस काम के लिए या कितने लोड के लिए करना चाहते हैं जैसे की हमारे घर में हमें ज्यादा हावी अर्थ इनकी जरूरत नहीं पड़ती लेकिन एक फैक्ट्री में एक बड़ी कंपनी में एक ज्यादा बड़ी अर्थी की जरूरत पड़ती है वहां पर एक या दो नहीं कई जगह से अर्थिंग लेनी पड़ती है. तुम नीचे आपको कुछ अर्थिंग के प्रकार बताए गए हैं और इनमें से एक अधिक का तरीका भी बताया गया है कि कैसे आप अपने घर में अर्थिंग कर सकते हैं .
1.Pipe Earthing
इस अर्थिंग के लिए कम से कम 1.5 या 2 Inch मोटी लोहे की पाइप का इस्तेमाल किया जाता है और इसकी लंबाई कम से कम 8 से 9 फुट होती है यह अर्थिंग इनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है. इस तरीके में पाइप को नमी वाली जगह में 8 से 9 फुट नीचे गाढ़ दिया जाता है.और पाइप के चारो तरफ नमक और कोयला डालकर इसे ढक दिया जाता है और इससे अर्थिंग की तार को जोड़ दिया जाता है.
2.Rod Earthing
रोड अर्थिंग भी पाइप अर्थिंग की तरह ही होता है इसमें 12 Mm की एक तांबे की रोड को धरती में गाड़ दिया जाता है. तांबे की रोड को बिना गड्ढा खोद दे Pneumatic Hammer की मदद से सीधा धरती में गाड़ दिया जाता है. और इस से अर्थिंग वायर को जोड़ दिया जाता है .
3.Plate Earthing
प्लेट अर्थिंग सिस्टम में एक कॉपर की प्लेट होते हैं जिसका आकार 60cm X 60cm X 3.18mm ( 2ft X 2ft X 1/8 In) होता है.इस तांबे की प्लेट को धरती में 10 फीट नीचे दबा दिया जाता है. और यह प्लेट नमी वाली जगह में लगाई जाती है ताकि अर्थ इन ज्यादा अच्छे से हो सके .

Earthing क्या है अर्थिंग कैसे करे

Earthing क्या है अर्थिंग कैसे करे
अगर आप इलेक्ट्रिकल से संबंधित पढ़ाई कर रहे हैं तो आप ने अर्थिग के बारे में जरूर सुना होगा तो अगर आपको नहीं पता कि अर्थिंग क्या है ( What Is Earthing In Hindi) और यह हमारे लिए क्यों जरूरी है. और किस किस उपकरण पर अर्थिंग करना बहुत जरूरी होता है. और अर्थिंग और न्यूट्रल वायर में क्या अंतर है. यह सब जानकारी हम इस पोस्ट में आपको देने वाले हैं.
Ghar Ki Wiring  करते समय आपको बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है. स्विच बोर्ड में कनेक्शन करते समय आपको सभी तारों को ध्यान में रखना पड़ता है कि कौन सी तार में बिजली है और कौन सी वायर न्यूट्रल है या जिस में बिजली नहीं है. इस के अलावा हम एक और तार का भी कनेक्शन स्विच बोर्ड में करते हैं जिसे हम अर्थिंग या ग्राउंडिंग की तार कहते हैं. लेकिन यह हमारे लिए क्यों जरूरी है इसका पता सभी को नहीं होता. तो इसीलिए हम आपको Electrical Earthing In Hindi में बताने वाले हैं.

Definition Of Earthing In Hindi

किसी भी धातु वाली मशीन या उपकरण के धातु वाले हिस्से पर एक तार जोड़ कर उसे हम Earth Plate और Earth Electrode के साथ में जोड़ देते हैं इसे हम अर्थिंग या ग्राउंडिंग कहते हैं.पृथ्वी प्लेट या पृथ्वी इलेक्ट्रोड के लिए हम एक काफी मोटी तार का इस्तेमाल करते हैं जिसका प्रतिरोध बहुत कम होता है. और इसके लिए कम प्रतिरोध वाली तार का इस्तेमाल करने का भी कारण है. जो कि हम आपको आगे बताने वाले हैं.

Earthing System की जरूरत क्यों होती है

किसी भी उपकरण की अर्थिंग करने का सबसे पहला कारण होता है कि हम इलेक्ट्रिक शॉक से बच सकें. कई बार हमारा उपकरण खराब हो जाता है जिसके कारण उसके उपकरण के धातु वाले हिस्से में लीकेज करंट आ जाता है और जिसे छूने पर हमें करंट लग सकता है तो एसी करंट से बचने के लिए हम उस उपकरण की अर्थिंग कर देते हैं ताकि जो भी करंट है वह उस Earthing की मदद से सीधा धरती में चला जाए. और हमें बिजली का झटका ना लगे .
  • इसके अलावा हमें Earthing की क्यों जरूरत पड़ती है इसके कुछ पॉइंट नीचे बताए गए हैं.
  • अर्थिंग हमारे इलेक्ट्रिकल उपकरण को लीकेज करंट से बचाता है और हमें बिजली का झटका लगने से भी बचाता है.
  • यह बिल्डिंग को बारिश के समय गिरने वाली बिजली से भी बचाता है.

Electrical Earthing से संबंधित सवाल जवाब

Earth क्या है:
किसी भी बिजली से चलने वाले उपकरण को किसी तार के द्वारा धरती के अंदर दबी हुई अर्थिंग प्लेट से जोड़ना Earth कहलाता है
Solidly Earthed क्या है:
जब भी किसी बिजली के उपकरण को बिना किसी फ्यूज सर्किट ब्रेकर और प्रतिरोध के सीधा Earth Electrode से जोड़ा जाए उसे Solidly Earthed कहते हैं
Earth Electrode क्या है:
जब एक सुचालक या कुचालक की प्लेट को धरती के अंदर किसी बिजली के उपकरण की अर्थिंग के लिए दबाया जाता है तो इसे Earth Electrod कहते हैं.Earth Electrode कई प्रकार के होते हैं यह एक प्लेट के रूप में हो सकते हैं यह एक रोड के रूप में हो सकते हैं क्या किसी धातु की पानी वाली पाइप के रूप में हो सकते हैं जिस का प्रतिरोध कम से कम हो.
Earthing Lead क्या है :
Earth Electrode और उपकरण को आपस में जोड़ने के लिए Earthing Lead का इस्तेमाल किया जाता है.
Earth Continuity Conductor क्या है :
जो सुचालक तार हमारे घर के बिजली के सभी उपकरण को और स्विच बोर्ड को और पलक को आपस में जोड़ता है उसे हम Earth Continuity Conductor कहते हैं.
Earth Resistance क्या है:
अर्थ इलेक्ट्रोड और बिजली के उपकरण के बीच का कुल प्रतिरोध जिसे Ω (Ohms) में मापा जाए Earth Resistance कहलाता है.

Earthing कितने प्रकार की होती है

अर्थिंग कई प्रकार से की जाती है यह निर्भर करता है कि आप पर थी कहां पर और किस काम के लिए या कितने लोड के लिए करना चाहते हैं जैसे की हमारे घर में हमें ज्यादा हावी अर्थ इनकी जरूरत नहीं पड़ती लेकिन एक फैक्ट्री में एक बड़ी कंपनी में एक ज्यादा बड़ी अर्थी की जरूरत पड़ती है वहां पर एक या दो नहीं कई जगह से अर्थिंग लेनी पड़ती है. तुम नीचे आपको कुछ अर्थिंग के प्रकार बताए गए हैं और इनमें से एक अधिक का तरीका भी बताया गया है कि कैसे आप अपने घर में अर्थिंग कर सकते हैं .
1.Pipe Earthing
इस अर्थिंग के लिए कम से कम 1.5 या 2 Inch मोटी लोहे की पाइप का इस्तेमाल किया जाता है और इसकी लंबाई कम से कम 8 से 9 फुट होती है यह अर्थिंग इनका बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है. इस तरीके में पाइप को नमी वाली जगह में 8 से 9 फुट नीचे गाढ़ दिया जाता है.और पाइप के चारो तरफ नमक और कोयला डालकर इसे ढक दिया जाता है और इससे अर्थिंग की तार को जोड़ दिया जाता है.
2.Rod Earthing
रोड अर्थिंग भी पाइप अर्थिंग की तरह ही होता है इसमें 12 Mm की एक तांबे की रोड को धरती में गाड़ दिया जाता है. तांबे की रोड को बिना गड्ढा खोद दे Pneumatic Hammer की मदद से सीधा धरती में गाड़ दिया जाता है. और इस से अर्थिंग वायर को जोड़ दिया जाता है .
3.Plate Earthing
प्लेट अर्थिंग सिस्टम में एक कॉपर की प्लेट होते हैं जिसका आकार 60cm X 60cm X 3.18mm ( 2ft X 2ft X 1/8 In) होता है.इस तांबे की प्लेट को धरती में 10 फीट नीचे दबा दिया जाता है. और यह प्लेट नमी वाली जगह में लगाई जाती है ताकि अर्थ इन ज्यादा अच्छे से हो सके .

Earthing करने के लिए सामान

अर्थिंग करने के लिए हमें काफी सामान की जरूरत पड़ती है लेकिन सबसे ज्यादा हमें तीन चीजों की जरूरत पड़ेगी जिसके नाम नीचे दिए गए हैं.
  1. Earth Continuity Conductor
  2. Earthing Lead
  3. Earth Electrode



अर्थिंग करने के लिए Earth Continuity Conductor वायर का इस्तेमाल जो आप करेंगे उसका प्रतिरोध 1Ω से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अर्थिंग के लिए हमेशा कॉपर की तार का इस्तेमाल किया जाता है.अर्थिंग के लिए जो भी था आप इस्तेमाल करो उस का साइज कम से कम 6mm होना चाहिए.
अर्थिंग वायर को अर्थिंग प्लेट से जोड़ने के लिए हम Earthing Lead का इस्तेमाल करते हैं यह भी कॉपर की होनी चाहिए जैसा की ऊपर फोटो में दिखाया गया है. ज्यादा सुरक्षा के लिए आप दो अर्थिंग वायर का इस्तेमाल कर सकते हैं इसके लिए आपको Earthing Lead और अर्थिंग प्लेट भी दो लगानी होगी. और अर्थ इनका आपको Loop बनाना होगा. पहली अर्थिंग प्लेट से आप पर उठाकर उपकरण पर लेकर जाओगे और उसी उपकरण पर दूसरी तार लगाकर वापस नीचे अर्थिंग प्लेट से छोड़ोगे जिससे कि आपका उपकरण और ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा. दो अर्थिंग वायर का इस्तेमाल आप ज्यादा बड़े उपकरण के लिए करेंगे.
Earthing Electrode हमेशा कॉपर और लोहे की इस्तेमाल की जाती है लेकिन ज्यादा सुरक्षा के लिए कॉपर की ही इस्तेमाल की जाती है. अर्थिंग प्लेट को नमी वाली जगह पर लगाना चाहिए बाकी अर्थिंग ज्यादा अच्छी तरह से हो सके.

घर पर पाइप से Earthing Kaise कैसे


1. सबसे पहले नमी वाली जगह देख कर वहां पर एक गड्ढा खोदने गड्ढा 30 से.मी. × 30 से.मी. आकार का 4.75 मीटर  गहरा होना चाहिए . आप GI पाइप का इस्तेमाल करें . इस पाइप की लंबाई 2 मीटर तथा 38 मि.मी. व्यास होना चाहिए. और इस GI पाइप के बिच बीच में 12 मि.मी के  छेद करेंगे. यह पाइप नीचे से तिरछा कटा हुआ होना चाहिए .
2.इसके बाद GI पाइप को अर्थ इलैक्ट्रोड की पाइप के साथ में Reducing Socket दोबारा जोड़ना है.GI पाइप को हम भूमि के अंदर नमी रखने के लिए इस्तेमाल करेंगे. अब इन दोनों पाइप को गड्ढे में लगा दीजिए. Funnel जली से ढक दें ताकि इसके अंदर मिट्टी ना जा सके.
3. इस पाइप के अंदर आपको एक छेद करना है और उसके अंदर आपको 1 Net Bolt व वाशर लगाना है जिससे हम अपने अर्थिंग की तार को जोड़ेंगे. और अर्थिंग वायर को इस नट बोल्ट व वाशर की मदद से अच्छी तरह से पाइप के साथ में जोड़ दें ताकि यह ढीला ना रहे.
4. फिर आपको गड्ढे के अंदर नमक और कोयला डालना है. आप को नमक और कोयला कम से कम 10 – 10 किलो के करीब डालना है. और आप को एक साथ नमक या एक साथ कोयला नहीं डालना है पहले आप को थोड़ा नमक फिर उसके ऊपर थोड़ा कोयला और फिर से नमक और फिर से कोयला ऐसे करके आपको परत बनानी है बाकी कोयला और नमक आपस में मिल सके.
5. आधा नमक और कोयला डालने के बाद में आपको इसके ऊपर हल्का हल्का पानी डालना है ताकि नमक और कोयला अच्छे से जम जाए.
6. और फिर से नमक और कोयला डालना शुरु कर दें जैसे पहले परत के ऊपर परत बनाई थी वैसे ही . और सारा नमक और कोयला डालने के बाद में फिर से पानी का छिड़काव करते.
7. और फिर गड्ढे में मिट्टी भर दे. लेकिन जो हमारी अर्थिंग की तार है उसे आप एक अलग पतले प्लास्टिक के पाइप की मदद से बाहर निकाल ले . ताकि मिट्टी का असर हमारी अर्थिंग वायर के ऊपर ना हो.
8. अर्थ इलैक्ट्रोड की पाइप  को थोड़ा सा बाहर रख कर .उसमें पानी डालें और उसे पूरा भर दें और फिर उसके चारों तरफ ईटें लगा कर सीमेंट कंक्रीट से पक्का कर दें और ताकि उसके ऊपर ढक्कन लगाया जा सके. और यह पाइप पानी का भरने के बाद में इस गड्ढे को ढक दे.
9. अब अगले दिन आप इससे अपनी अर्थिंग वायर का कनेक्शन कर सकते हैं यह कनेक्शन करने के लिए तैयार है. इसे चेक करने के लिए आप किसी बल्ब का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे कि आप एक तार फेज वायर में लगा दें और दूसरा तार अर्थिंग पर लगा कर चेक कर सकते हैं.
सावधानियाँ
  1. गड्ढे में नमी के अनुसार पाइप को लगाना चाहिए.
  2. पाइप की लंबाई और मोटाई बिजली के नियम के अनुसार होनी चाहिए.
  3. पाइप के नीचे वाले हिस्से को तिरछा होना चाहिए.
  4. और पाइप के बीच में कुछ छेद होने चाहिए ताकि जब हम पाइप में पानी डालें तो वह पानी अच्छी तरह से चारों तरफ नमी बनाए.
  5. पाइप के साथ में जो भी तार आप जोड़े उसका कनेक्शन अच्छे से कसा हुआ होना चाहिए.

प्लेट अर्थिंग (Plate Earthing)

1.जमीन में 3 मीटर से अधिक गहरा गड्डा खोदो जिसकी चौड़ाई 90 से.मी. × 90 से.मी. हो।
2.अर्थ इलैक्ट्रोड (Earth Electrode) के लिए एक कॉपर की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी. × 60 से.मी. × 3.18 मि.मी या जी.आई. की प्लेट जिसका साइज 60 से.मी × 60 से.मी × 35 मि.मी. हो।
3.प्लेट के बीचे में छेद करो।
4.तार के टुकडे़ को जिसको Earthing Lead कहते हैं, नट-वोल्ट से प्लेट के साथ कस दो ।
5.अब प्लेट को गड्डे की सतह में वर्टिकली (Vertically) रख दो ।
6.प्लेट के चारों ओर 15 से.मी. मोटी तह नमक व कोयले की एक – दूसरे के बाद लगाओ जब तक प्लेट ढक न जाये।
7.Earthing Lead को 12-5 मि.मी. व्यास पाइप के अन्दर से निकालो।
8.एक 19 मि.मी. व्यास का पाइप प्लेट की सतह तक ले जाओं।
9.एक कीप (Funnel) को 19 मि.मी. व्यास पाइप के ऊपरी सतह पर लगाओ।
10.गड्डे को कास्ट-आयरन के ढक्कन (Cover) से बन्द कर दो ।
इस पोस्ट में आपको अर्थिंग की परिभाषा,बिजली अर्थिंग,अर्थिंग बनाने के तरीके,अर्थिंग गड्ढे,प्लेट अर्थिंग आरेख,अर्थिंग किसे कहते है,अर्थिंग प्रणाली,Earthing System In Hindi के बारे में पूरी जानकारी दी है 

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